नवोदय विद्यालय समिति के मूल लक्ष्यों में ज.न.वि. को स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में संबंधित जिले में एक गति निर्धारक संस्थान की भूमिका निभाने में सक्षम बनाना भी है। गति निर्धारक क्रियाकलापों का मुख्य लक्ष्य स्कूलों के आस-पास के क्षेत्रों में शैक्षणिक, सामाजिक, सांस्कृतिक उन्मुख वातावरण तैयार करना है। ज.न.वि. में उत्तम गुणवत्ता के शिक्षक, अच्छी प्रयोगशाला एवं प्रौद्योगिकी के संसाधन, खेलकूद के उपकरण और समृद्ध पुस्तकालय होने के कारण और अनुभव एवं सुविधाएं साझा करने से स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में एक केन्द्र बिंदु के रूप में कार्य कर रहे हैं। स्कूलों के वातावरण में सुधार लाने की दृष्टि से ये विद्यालय आधुनिक शिक्षण प्रणाली का प्रचार करने हेतु सामान्यतः स्थानीय समुदाय के स्कूलों को भी इसमें शामिल करते हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रलय की एक ऐसी पहल है जो बच्चों को भारत की सीमा के वातावरण का अनुभव कराती है और विद्यार्थियों में देशभक्ति एवं राष्ट्रीयता की भावना पोषित करती है। ‘सीमा दर्शन’ मानव संसाधन विकास मंत्रलय की एक अनूठी पहल है, जिसके अंतर्गत बच्चे अपने देश की सीमा क्षेत्र का दौरा करते हैं और पारंपरिक गीत-संगीत एवं नृत्यों के माध्यम से हमारे सैनिकों और सैन्य बलों के समक्ष हमारी परंपराओं और संस्कृति का प्रदर्शन करते हैं।
इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल बच्चों को प्रेरित करते हैं बल्कि हमारे सैनिकों का मनोबल भी बढ़ाते हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने रक्षा मंत्रलय एवं गृह मंत्रलय के सहयोग से दिनांक 22 से 26 जनवरी, 2017 की अवधि में विशाखापट्नम में विद्यार्थियों हेतु पांच दिवसीय ‘सीमा दर्शन’ कार्यक्रम आयोजित किया।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को सीमा क्षेत्र के वातावरण का प्रत्यक्ष अनुभव कराना है। इस कार्यक्रम के अन्य उद्देश्यों में विद्यार्थियों में देशभक्ति एवं राष्ट्रीयता की भावना पोषित करना और उन्हें सीमा क्षेत्र का अनुभव प्रदान करना सम्मिलित है।
प्रजातंत्र को मजबूत करने, स्वस्थ अनुशासन की आदत डालने, दूसरों के विचारों को सहन करने और विद्यार्थी समुदाय को हमारी संसद के काम-काज से अवगत कराने हेतु न.वि.स. ने संसदीय कार्य मंत्रलय के सहयोग से देशभर के जवाहर नवोदय विद्यालयों में राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता आरम्भ की है, जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष सभी जवाहर नवोदय विद्यालयों की ‘युवा संसद’ प्रतियोगिता की जाती है।
जवाहर नवोदय विद्यालयों में विद्यार्थियों में स्कूली एवं गैर-स्कूल शिक्षण के क्षेत्रों में दक्षता विकसित करने हेतु सभी प्रकार के प्रयास किए जाते हैं, जिससे प्रत्येक बच्चे का प्रभावकारी व्यक्तित्व विकसित होता है। नवोदय राष्ट्रीय एकता समागम सन् 1993 से आयोजित किया जा रहा है और यह विद्यालय एवं संभाग स्तर पर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की शिक्षा में कला कार्यशालाओं की गतिविधियों की पराकाष्ठा है।
नवोदय विद्यालयों की विशेषताओं में से एक विशेषता राष्ट्रीय एकता को प्रोन्नयन करना है। इसे न.वि.स. के अंतर-संभागीय विद्यार्थी प्रवसन कार्यक्रम के माध्यम से हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। नवोदय राष्ट्रीय एकता समागम के दौरान राष्ट्रीय एकता के मूल्यों को कला के माध्यम से रोपित किया जाता है। नवोदय राष्ट्रीय एकता समागम का उद्देश्य बच्चों के मन में भारत की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत के प्रति आत्मविश्वास और स्वाभिमान उत्पन्न करना है। न.वि.स. के विद्यार्थियों को हमारी साझी विरासत के बारे में भी जागरुक किया जाता है, जिससे हम सभी एक राष्ट्र के रूप में बँधे हुए हैं।
नवोदय राष्ट्रीय एकता समागम 2016-17 ‘‘हरा-भरा भारत- स्वस्थ भारत’’ थी और विद्यार्थियों की इस समझ की ओर केन्द्रित किया गया था कि कैसे भारत आगे बढ़ा है तथा आज अग्रणी विश्व शक्ति है।
राष्ट्रीय एकता समागम की विषयवस्तु को उजागर करते हुए एक कला और शिल्प कला प्रदर्शनी लगाई गई। पिथौरा, मिथिला, पंचतन्त्र चित्रें की शैली को प्रदर्शित करते हुए विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई चित्रकारी प्रदर्शित की गई। लघु चित्रकला और कांगड़ा चित्रकला भी प्रदर्शित की गई।