राजभाषा, किसी राज्य या देश की घोषित भाषा होती है जो कि सभी राजकीय प्रयोजन अर्थात् सरकारी काम-काज में प्रयोग होती है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343(1) के अंतर्गत देवनागरी लिपि में हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया है। साथ ही संविधान के अनुच्छेद 351 में संघ को यह कर्त्तव्य सौंपा गया है कि हिंदी भाषा का प्रसार बढ़ाए, उसका विकास करें, जिससे वह भारत की सामासिक संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सके।
नवोदय विद्यालय समिति सरकार की राजभाषा नीति के प्रावधानों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सतत प्रयास कर रही है। प्रत्येक तिमाही में राजभाषा कार्यशालाएं और संगोष्ठियां / बैठकें आयोजित की जाती है ताकि अधिकारियों और कर्मचारियों में राजभाषा के प्रति रूचि पैदा की जा सके। संभागीय कार्यालयों एवं जवाहर नवोदय विद्यालयों द्वारा भी ऐसी कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं।
नवोदय विद्यालय समिति द्वारा एक राजभाषा दीपिका प्रकाशित की गई है, जिसमें संघ की राजभाषा नीति, इस नीति के कार्यान्वयन हेतु आदेश, राजभाषा नियम, 1976 के नियम 10(4) के अंतर्गत अधिसूचना, द्विभाषी प्रपत्र, मानक मसौदें, आदि संकलित किए गए हैं। कर्मचारियों/विद्यार्थियों में हिंदी के प्रति रूचि बढ़ाने हेतु नवोदय विद्यालय समिति मुख्यालय, क्षेत्रीय कार्यालयों एवं जवाहर नवोदय विद्यालयों द्वारा राजभाषा पत्रिकाओं का प्रकाशन भी किया जाता है।
राजभाषा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार जवाहर नवोदय विद्यालयों, क्षेत्रीय कार्यालयों और नवोदय विद्यालय समिति मुख्यालय में 1-15 सितम्बर के दौरान प्रत्येक वर्ष हिन्दी पखवाड़ा उमंग और उल्लास से मनाया जाता है।
राजभाषा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी करने एवं अनुपालन के उपाय सुझाने हेतु नवोदय विद्यालय समिति मुख्यालय और सभी क्षेत्रीय कार्योलयों एवं विद्यालयों में एक विभागीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया है। विभागीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक प्रत्येक तिमाही में आयोजित की जाती है।
संसदीय राजभाषा समिति, राजभाषा विभाग और मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा समय-समय पर नवोदय विद्यालय समिति मुख्यालय, क्षेत्रीय कार्यालयों एवं विद्यालयों का राजभाषा निरीक्षण किया जाता है। इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय कार्यालयों एवं जवाहर नवोदय विद्यालयों का राजभाषा निरीक्षण क्रमशः मुख्यालय एवं संभागीय कार्यालयों द्वारा राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा जारी वार्षिक कार्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार किया जाता है।