विद्यार्थियों की शिकायतों के प्रभावी समाधान और उन्हें विभिन्न सी-सी-ए- गतिविधियों इत्यादि में सहभागिता के अवसर मुहैया करवाने के लिए एक विद्यार्थी शिकायत पेटिका विद्यालयों में लगाई गई है। इन सीलबंद पेटिकाओं की चाबी जिला कलेक्टर द्वारा नामित अधिकारी के पास रहती है, जो प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में विद्यार्थियों द्वारा दिए गए अभ्यावेदनों/मुद्दों और समस्याओं की जांच पड़ताल करता है। मामलों के निराकरण के लिए, प्रधानाचार्य, मुख्यालय और संभागीय कार्यालयों की जानकारी में लाया जाता है। यह प्रयास मुख्यालय/संभागीय कार्यालय को समय-समय पर विद्यार्थियों की शिकायतों, समस्याओं और आवश्यकताओं का मूल्यांकन करने में मद्द करता है।
संभागीय उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करना होता है कि आम सभा की बैठक का आयोजन वर्ष में कम से कम दो बार किया जाए। प्रत्येक सहायक आयुक्त को 10-12 विद्यालयों के समूह का उत्तरदायी बनाया गया है। सहायक आयुक्त को अभिभावक-शिक्षक परिषद की पहली बैठक में भाग लेकर अभिभावक-शिक्षक परिषद में सदस्यों को परिषद के लक्ष्यों और उद्देश्यों तथा उत्तरदायित्वों के बारे में बताना होता है।