प्रधानमंत्री श्री जेएनवी चित्रदुर्ग वर्ष 1987 में ग्रामीण प्रतिभाओं के समग्र विकास पर विशेष ध्यान देने के दृष्टिकोण के साथ
अस्तित्व में आए, ताकि प्रत्येक छात्र अकादमिक उत्कृष्टता की खोज में गहरे जुनून के साथ नैतिक और नैतिक मूल्यों पर
आधारित एक मजबूत चरित्र विकसित कर सके।
हम उन छात्रों को, जिनके पास अन्यथा गुणवत्तापूर्ण आधुनिक शिक्षा की सुविधा का अभाव है, तेजी से बदलती दुनिया
की चुनौतियों का सामना करने के लिए जीवन कौशल से लैस जिम्मेदार प्रबुद्ध नागरिकों में बदलते हैं।
यह विद्यालय एक रहने योग्य स्थान प्रदान करता है जो बच्चों के बहुमुखी विकास को आकार देता है और एक स्पष्ट और
प्राप्त करने योग्य लक्ष्य निर्धारित करने के लिए उनकी क्षमता को चैनलाइज़ करता है। प्रत्येक बच्चे की क्षमताओं को
पहचानने और उनके कौशल को व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान करके उन्हें पहचानने और प्रोत्साहित करने की
आवश्यकता है। इसके लिए अनुकूल माहौल में माता-पिता, प्रतिबद्ध शिक्षकों और प्रेरित छात्रों के सहयोगात्मक प्रयास की
आवश्यकता है।
जैसा कि आप जानते हैं कि शिक्षा सभी प्रकार की प्रगति की नींव है और लड़कियों और लड़कों को समान रूप से
अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। यह सह-शिक्षा प्रणाली केवल किताबी ज्ञान प्रदान करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि
करुणा, सहिष्णुता, साहस, धर्मनिरपेक्षता, विनम्रता, अखंडता और बहुत कुछ जैसे मूल्यों को विकसित करती है।
छात्रों में आत्मसम्मान, आत्मविश्वास के साथ-साथ भावनात्मक संतुलन और बौद्धिक अस्तित्व का विकास होगा।
नवोदय विद्यालय समिति विभिन्न तथ्यों में प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करके हमारे शिक्षण समुदाय को उन्नत और
अद्यतन करने के लिए काफी उत्सुक है। वे माता-पिता की देखभाल प्रदान करने में सक्षम हैं जहां छात्र सुरक्षित
देखभाल और सहायक वातावरण का अनुभव करते हैं।फिर विद्यालय छात्रों को जिम्मेदार, संतुलित और परिपक्व
वयस्क बनने के लिए तैयार करता है जो आधुनिक भारत के निर्माण में योगदान देने और इसे सबसे प्रभावी ढंग
से सुरक्षित रखने में सक्षम हैं।