पिछले कुछ दशकों में मानव सभ्यता के विभिन्न क्षेत्रो मे बहुमुखी वैज्ञानिक और तकनीकी विकास हुआ है, जिसने समाज में तेजी से आगे बढ़ने वाली जीवन शैली की शुरुआत की है। व्यक्तियों, समूहों, समाजों और राष्ट्रों के बीच प्रतिस्पर्धा ने चारों ओर एक प्रकार का तनाव उत्पन्न कर दिया है। इस आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए, शैक्षिक प्रक्रियाओं को बिना किसी विकल्प के साथ भारी तनाव का सामना करना पड़ा है, लेकिन कुछ निश्चित मूल्यों पर समझौता करने के लिए जो कि पुराने समय से शैक्षिक शिक्षा की नींव हैं। सूचना-तकनीक प्रक्रियाओं के स्लॉट में वास्तव में, अखाड़े में एक और आयाम जोड़ा गया है जहां जानकारी की गुणवत्ता और मात्रा के साथ-साथ गति महत्वपूर्ण और प्रासंगिक हो गई है। यह भविष्य में उभरती चीजों के आकार को एक सूचकांक प्रदान करता है।
अनुभवजन्य ज्ञान से पता चलता है कि आवासीय शिक्षा कार्यक्रम रचनात्मकता को बढ़ावा देने में काफी हद तक मदद करते हैं और सीखने वाले छात्रों को अधिक रचनात्मक नवोन्मेषी तथा आत्मनिर्भर पाया जाता है। नवोदय विद्यालय प्रकृति में आवासीय हैं और परिसर में काम कर रहे विभिन्न क्लबों के माध्यम से नवाचार को प्रोत्साहित कर रहे हैं, छात्रों के बीच रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के लिए अधिक अनुकूल जलवायु प्रदान कर रहे हैं ताकि उन्हें एक उत्पादक व्यक्तित्व में ढाला जा सके। उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरक वातावरण आवश्यक है, कौशल विकास कार्यक्रमों के साथ एक मूल्योन्मुख स्कूल वातावरण है जहां छात्र प्रमुख हिस्सा साझा कर सकते हैं। आदर्श वाक्य 'आओ ,सीखो और सेवा करो' तभी साकार हो सकता है जब पूरी टीम पूर्ण योग्यता एवं अपनी ईमानदारी अखंडता के साथ लक्ष्य तक पहुंचने का प्रयास करे। यह मत भूलो कि हम एक महान भविष्य के महान अतीत के लिंक हैं। इस वेबसाइट को विकसित करने के लिए किए गए प्रयास वास्तव में विद्यालय के इतिहास एक मील का पत्थर है।
(सत्येंद्र प्रसाद सिंह)
प्रिंसिपल, जेएनवी, सोनभद्र (यूपी)
(ANSHUMAN SINGH)
PRINCIPAL, JNV, SONEBHADRA (UP)