Vision & Mission
Thur Dec 7 2017 , 13:28:16

नवोदय विद्यालय समिति

Navodaya Vidyalaya Samiti

( An Autonomous Body Under Ministry Of Education ) Government Of India

पीएम श्री स्कूल, जवाहर नवोदय विद्यालय, राजकोट

PM SHRI School, Jawahar Navodaya Vidyalaya, Rajkot

Mandatory Public Disclosure
ncpcr.gov.in
komal Video
JNVST Study Material

JNVST Class VI Help Desk Numbers:
Mr. B.V. PARMAR (JNVST I/c) Mobile Number: 94273 74935
Mr. P.K. JADAV (JNVST MEMBER) Mobile Number: 96240 54701
Mr. RAM KUMAR (PRINCIPAL I/c) Mobile Number: 94502 89734

Tele-Counselling through MANODARPAN Toll Free No. 8448440632

Translate this page:

नवोदय विद्यालय योजना

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-1986 के अंतर्गत ऐसे आवासीय विद्यालयों की परिकल्पना की गई है, जिन्हें जवाहर नवोदय विद्यालय का नाम दिया गया है और ये सर्वश्रेष्ठ ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे लाने में यथासंभव प्रयास करेंगे।

यह महसूस किया गया है कि विशेष प्रतिभाशाली बच्चों की फीस देने की क्षमता को ध्यान में न रखते हुए उन्हें गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध कराकर समुचित अवसर प्रदान किए जाएं ताकि वे अपने जीवन में तेजी से आगे बढ़ सकें। ऐसी शिक्षा इन ग्रामीण विद्यार्थियों को अपने समकक्ष शहरी विद्यार्थियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सहायक होगी।

भारत तथा अन्यत्र दी जाने वाली स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में नवोदय विद्यालय प्रणाली एक अनूठा प्रयोग है। इस प्रयोग की महत्ता ग्रामीण प्रतिभाशाली बच्चों को लक्ष्य में रखकर किए गए चयन तथा उन्हें आवासीय स्कूल प्रणाली के अंतर्गत दी जाने वाली सर्वश्रेष्ठ शिक्षा के समान गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के प्रयास में निहित है।

.... अधिक पढें

नवोदय विद्यालय समिति के उद्देश्य

विद्यालय (इन्हें इसके आगे ‘नवोदय विद्यालय’ कहा गया है) स्थापित करना, उन्हें धन प्रदान करना, उनका रख-रखाव, नियंत्रण और प्रबंधन तथा ऐसे सभी कार्य करना जो इन विद्यालयों के संवर्धन के लिए आवश्यक या सहायक हैं। इनके उद्देश्य इस प्रकार हैं:-

  • मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चों को उनके परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर ध्यान दिए बिना, गुणात्मक आधुनिक शिक्षा प्रदान करना, जिसमें सामाजिक मूल्यों, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, साहसिक कार्यकलाप और शारीरिक शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण घटकों का समावेश हो।
  • देश भर में एक उपयुक्त स्तर पर एक समान माध्यम अर्थात् अंग्रेजी एवं हिन्दी में शिक्षण की सुविधाएं प्रदान करना।
  • सभी विद्यालयों के स्तर में तुलनात्मकता सुनिश्चित करने व हमारी मिली-जुली संस्कृति एवं परम्पराओं को समझने में सुविधा हो इसके लिए मूल-पाठ्यचर्या प्रदान करना।
  • राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने और सामाजिक भावना की समृद्धि के लिए प्रत्येक स्कूल के विद्यार्थियों को क्रमिक रूप से देश के एक भाग से दूसरे भाग में ले जाना।
  • वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप अध्यापकों को प्रशिक्षण एवं अनुभव और सुविधाओं के परस्पर आदान-प्रदान द्वारा स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक केन्द्र बिन्दु के रूप में कार्य करना।
  • नवोदय विद्यालयों के विद्यार्थियों के रहने के लिए छात्रवास स्थापित करना, उनका विकास, रख-रखाव व प्रबंधन करना। स समिति के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए यदि आवश्यक हो, देश के किसी भी भाग में स्थित अन्य संस्थाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना, उन्हें स्थापित एवं उनका संचालन करना।
  • ऐसे सभी कार्य करना जो इस समिति के किसी या सभी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक, प्रासंगिक या सहायक समझे जाएं।
.... अधिक पढ़ें

नई सामग्री अनुभाग

नवोदय विद्यालय अपने विद्यार्थियों को एक योग्यता परीक्षा के आधार पर चुनते हैं जिसे जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा कहा जाता है और जिसकी रचना, विकास और आयोजन पहले राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा किया जाता था, किन्तु अब इन परीक्षाओं का आयोजन केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा किया जाता है। यह परीक्षा प्रतिवर्ष अखिल भारतीय स्तर पर और जिला तथा ब्लॉक स्तर पर आयोजित की जाती है। यह परीक्षा विषयपरक एवं वर्ग-तटस्थ है तथा इसकी रचना इस प्रकार की गई है कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इससे ग्रामीण बच्चों को कोई असुविधा न हो।

जवाहर नवोदय विद्यालयों में प्रमुख रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को प्रवेश दिया जाता है। 75 प्रतिशत सीटों पर ग्रामीण बच्चों को प्रवेश देने का प्रावधान है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए जिले में उनकी जनसंख्या के अनुपात में स्थान आरक्षित रखे जाते हैं, परन्तु यह आरक्षण राष्ट्रीय औसत से कम नहीं होना चाहिए। कुल सीटों का एक तिहाई बालिकाओं के लिए और तीन प्रतिशत विकलांग बच्चों के लिए आरक्षित है।

नवोदय विद्यालय, जो कि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध हैं, कक्षा-6 से कक्षा-12 तक प्रतिभाशाली बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करते हैं। नवोदय विद्यालयों में कक्षा-6 के स्तर पर प्रवेश के साथ-साथ पाशिर््वक प्रवेश के माध्यम से कक्षा-9 और कक्षा-11 में प्रवेश दिया जाता है। प्रत्येक नवोदय विद्यालय सह-शैक्षिक आवासीय संस्थान हैं, जिनमें मुफ्रत भोजन एवं आवास, वर्दी, पाठय-पुस्तकों, लेखन सामग्री तथा घर आने-जाने के लिए रेल और बस किराए पर होने वाले व्यय के वहन करने की व्यवस्था की गई है। तथापि, कक्षा-9 से कक्षा-12 तक के छात्रों से 600 रुपये प्रति माह का आंशिक शुल्क नवोदय विकास निधि के रूप में लिया जाता है। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों, बालिकाओं, विकलांग छात्रों और गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के बच्चों को इस शुल्क से पूरी छूट दी जाती है।

नवोदय विद्यालय योजना में त्रिभाषा सूत्र के अनुपालन का प्रावधान है । हिन्दी भाषी जिलों में पढ़ाई जाने वाली तृतीय भाषा छात्रों के प्रवसन स्थल से जुड़ी है। सभी नवोदय विद्यालयों में त्रिभाषा-सूत्र, अर्थात क्षेत्रीय भाषा, हिन्दी और अंग्रेजी के शिक्षण का पालन किया जाता है।

कक्षा-7 या कक्षा-8 तक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा होती है। इसके पश्चात सभी नवोदय विद्यालयों में शिक्षा का एक समान माध्यम हिन्दी/अंग्रेजी रहता है।

नवोदय विद्यालयों का उद्देश्य प्रवसन योजना के द्वारा राष्ट्रीय एकता के मूल्यों का समावेश करना है। कक्षा-9 में एक शैक्षणिक वर्ष के लिए एक बार हिन्दी और हिन्दीतर भाषी क्षेत्रों के बीच विद्यार्थियों का अंतर-क्षेत्रीय प्रवसन किया जाता है। विभिन्न गतिविधियों द्वारा अनेकता में एकता और सांस्कृतिक विरासत की बेहतर जानकारी प्रदान करने के लिए प्रयास किए जाते हैं।

नवोदय विद्यालयों को देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किया जाता है। राज्य सरकार को नवोदय विद्यालय स्थापित करने के लिए निःशुल्क भूमि और किरायामुक्त अस्थायी भवन उपलब्ध कराने होते हैं।