ज.न. वि. गौतम बुद्ध नगर में माननीय आयुक्त महोदय का दौरा
प्रवासी छात्रों को भ्रमण के लिए आगरा और मथुरा के लिए ले जाया गया I
जवाहर नवोदय विद्यालय गौतम बुद्ध नगर में पी.आई.एस.ए. कार्यशाला का आयोजन
ज.न. वि. गौतम बुद्ध नगर में माननीय आयुक्त महोदय का दौरा
ज.न.वि. गौतम बुद्ध नगर में माननीय आयुक्त महोदय का दौरा
जवाहर नवोदय विद्यालय गौतम बुद्ध नगर में पूर्व छात्र सम्मलेन आयोजित किया गया
गद्य लेखन की एक विधा है। लेकिन इस शब्द का प्रयोग किसी विषय की तार्किक और बौद्धिक विवेचना करने वाले लेखों के लिए भी किया जाता है। निबंध के पर्याय रूप में सन्दर्भ, रचना और प्रस्ताव का भी उल्लेख किया जाता है। लेकिन साहित्यिक आलोचना में सर्वाधिक प्रचलित शब्द निबंध ही है। इसे अंग्रेजी के कम्पोज़ीशन और एस्से के अर्थ में ग्रहण किया जाता है। आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के अनुसार संस्कृत में भी निबंध का साहित्य है। प्राचीन संस्कृत साहित्य के उन निबंधों में धर्मशास्त्रीय सिद्धांतों की तार्किक व्याख्या की जाती थी। उनमें व्यक्तित्व की विशेषता नहीं होती थी। किन्तु वर्तमान काल के निबंध संस्कृत के निबंधों से ठीक उलटे हैं। उनमें व्यक्तित्व या वैयक्तिकता का गुण सर्वप्रधान है। इतिहास-बोध परम्परा की रूढ़ियों से मनुष्य के व्यक्तित्व को मुक्त करता है। निबंध की विधा का संबंध इसी इतिहास-बोध से है। यही कारण है कि निबंध की प्रधान विशेषता व्यक्तित्व का प्रकाशन है। निबंध की सबसे अच्छी परिभाषा है- निबंध, लेखक के व्यक्तित्व को प्रकाशित करने वाली ललित गद्य-रचना है।