भारतीय संस्कृति एवं जनसाधारण में पाई जाने वाली अनेकता में एकता का भलीभांति बोध कराने के लिए किसी एक भाषा-भाषी क्षेत्र के नवोदय विद्यालय के विद्यार्थियों का अन्य भाषा-भाषी क्षेत्र के नवोदय विद्यालय में प्रवसन करना नवोदय विद्यालय योजना की एक प्रमुख विशेषता है। इस योजना के अनुसार 9वीं कक्षा के 30 प्रतिशत विद्यार्थियों को एक नवोदय विद्यालय से दूसरे नवोदय विद्यालय में एक शैक्षणिक सत्र हेतु भेजा जाता है।
सामान्यतः यह प्रवसन हिंदी भाषी एवं हिंदीतर भाषी जिलों के बीच होता है। विद्यार्थी प्रवसन योजना की शुरुआत एक साधारण स्तर पर 1988-89 में केवल दो जवाहर नवोदय विद्यालयों के 31 विद्यार्थियों के प्रवसन द्वारा प्रारम्भ की गई थी । इन 28 वर्षों की अवधि में प्रवसन का कार्य काफ़ी विस्तृत रूप ले चुका है। जिसने भारत में स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में हासिल की जा रही सफलताओं में विशेष स्थान प्राप्त किया है।
प्रवसन - राष्ट्रीय एकता को प्रोन्नत करने के उद्येश्य से एक वर्ष हेतु 9वीं कक्षा के 30 प्रतिशत विद्यार्थियों का विभिन्न भाषा-भाषी क्षेत्रों के संबद्ध (लिंक्ड) जवाहर नवोदय विद्यालयों के मध्य छात्र विनिमय कार्यक्रम समिति की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। यह योजना त्रिभाषा सूत्र का क्रियान्वनय सुलभ कराती है।
हिन्दी भाषा-भाषी जिलों में पढ़ाई जाने वाली तृतीय भाषा विद्यार्थियों के प्रवसन से जुड़ी है। स्थल के अनुसार होती है। हिन्दी भाषा-भाषी जिलों में स्थित जवाहर नवोदय विद्यालयों में पढ़ाई जा रही तृतीय भाषा उन हिन्दीतर भाषी 30 प्रतिशत विद्यार्थियों की मातृ भाषा होती है। जो उस जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवसित हुए हैं। यह भाषा सबके लिए अनिवार्य है । हिंदीतर भाषी क्षेत्रों में स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय सामान्य सूत्र अर्थात क्षेत्रीय भाषा, हिंदी और अंग्रेजी का पालन करते है।
रायचुर
वर्ष | आने वाले छात्र | जाने वाले छात्र |
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2019-2020 | 22 | 21 |
2019-2020 | 22 | 21 |
2019- 2020 | 22 | 21 |
2023- 2024 | 22 | 21 |
ज न व रायचुर से आने वाले विद्यार्थी | ज न वि रायचुर जाने वाले विद्यार्थी | ||||
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क्रमांक | नाम | लड़का /लड़की | क्रमांक | नाम | लड़का/लड़की |